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શુક્રવાર, 23 એપ્રિલ, 2010

રડતી આંખોને

રડતી આંખોને હસાવનારું કોઇ જ નથી..તૂટી ગયેલ ને સાંધનારું કોઇ જ નથી..હોય છે બધાની આંખમા આંસુ પણ ,સમજનારું કોઇ જ નથી.... 
सुवासित सवारमा तमारी याद मुंकू छुं
उगता सूरजे नवी दरकार मुंकू छू।
मिलन नी पलो होय के ना होय।
पण हैयामा तमारी एक दरखास्त मुंकू छे।
शुभ सवार!!

निखालस थई छे सवार तमारी यादोंथी,
मौसम बदली गई छे तमारा संवादोंथी।
फूलनी सुवासनी जेम राखवो छे सम्बन्ध मारे।
जो तमे साथ आपशो प्रीतना सहारे.
हैयामा तमारी याद अने होंठ पर तमारू नाम छे।
सपनामा सजवेली मिलन नि एक शाम छे.
फूलो नि पंखडी समो हतो एक सम्बन्ध,
हवे आँखों पर आंसू अने चेहरा पर विश्राम छे.